क्रेजी गेम्स में कितने गेम होते हैं | crazy game

ATM एक ऐसी स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग मशीन होती है जिसमें अगर कोई ग्राहक अपने ATM कार्ड का इस्तमाल करे और सभी सटिक जानकारी प्रदान करें तो वो बड़ी ही आसानी से अपने बैंक खाते से पैसे निकल कर दे देता है। इस ATM मशीन का फुल्ल नाम Automatic Teller Machine होता है। जिसे हम सभी ATM के नाम से पुकारते है
मुख्य रूप से देखा जाये तो सिर्फ दो ही प्रकार के Automatic teller machine (ATM) पाए जाते हैं। पहला है जो की Basic ATM कहलाती है जो की Customers को पैसे निकलने तथा "withdraw" और अपने account का report देखने के लिए सहायक होता है। वही दूसरा ATM थोडा complex है क्यूंकि इसके काम थोडा जटिल होता हैं, जैसे इसमें आप credit card payment, facilities, deposit और account information को report कर पाते हैं.
इन्हें भी देखें
जाने हिंदी में; व्हाट्सएप में भाषा कैसे बदले
अब चलते एटीएम के बारे में जानकारी करते हैं और जानते हैं आखिर मे ये ATM क्या चीज होती है और इसे use करने का सम्पूर्ण तरिका वह भी हिंदी में.
ATM मशीन यह एक तरह का Banking Electronic device होती है जिसे केवल bank के कामो में लाया जाता है जोकि इसको केवल customer ही इस्तमाल किया करते हैं. किसी भी account सम्बंधित transaction करने के लिए इसको इस्तेमाल किया जाता है.
एटीएम से पैसे निकालने का आसान तरीका |
इसको Users अपने account को access करने के लिए एक special type का एक plasic card का इस्तमाल किया जाता हैं जिसमें user information पहले से ही उस card एक सिरे में एक magnetic strip के ऊपर encoding होकर रहता है.
ये magnetic strip में एक identification code रहता है जिसको card के इस्तमाल पर उस identification code को bank’s central computer को modem के द्वारा भेजा देता है.
तो जब user अपना card ATM में insert करते है अपना account access करने के लिए तभी उस identification code को matching automatically होती है जिससे अगर code match हो गया तब account transaction को process कर देता है.
ATM का Full-Form Automated Teller Machine. Hota hai
ATM को हिंदी में स्वचालित टेलर मशीन भी कहते हैं.
एटीएम का इतिहास "ATM History in Hindi"
ATM या फिर automatic teller machine जिसके निर्माता John Shepherd-Barron थे इन्होने सन 1960 में इसका आविस्कार किया था. इसे हिंदी जैसे भाषा में स्वचालित गणक मशीन भी कहा जाता हैं. इसके साथ ही Automatic banking machine, cash point, Bankomat भी कहा जाता हैं.
इस आधुनिक ATM का प्रयोग सबसे पहले 27 जून, 1967 में लंदन के बार्केले बैंक ने किया था। इससे पहले 1960 के दशक में एटीएम (ATM) को बैंकोग्राफ नाम से जाना गया था, बताया जाता है कि लंदन में इसका सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था और इसके आविष्कार का श्रेय जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd-Barron) को दिया गया था. उनका जन्म ब्रिटिश काल के समय में भारत में 23 जून 1925 को मेघालय शिलॉन्ग में हुआ था
John Shepherd-Barron ने एटीएम का पिन 6 डिजिट का बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी ने उनसे बताया कि 6 डिजिट कुछ ज्यादा है और इसको लोग याद नहीं रख पाएंगे। इस नाते उन्होंने बाद में चार डिजिट वाला एटीएम का पिन बनाया। था आज के समय में भी चार ही डिजिट पिन कोड चलन में एटीएम सेवा शुरू करने वाला पहला बैंक कौन सा है?
संन 1987 में भारत में पहली बार ATM की सुविधा शुरू हुई थी। भारत में पहला ATM हॉगकॉग एंड शंघाई बैंकिंग corporation (एचएसबीसी) ने मुंबई में लगाया था। उसके बाद आगे चलकर ATM का उपयोग दिनचर्या का महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। चूँकि अविष्कार जब भी होता है उसकी आवश्कता ही उसकी जनक होते है.
ठीक उसी तरह एटीएम (ATM) की जरुरत तब पड़ी जब पश्चिम देशो में उन लोगो या वित्तीय संस्थाओं को कैश (cash) संबधी काम निपटाने वाले कर्मचारिओं ने अपनी वेतन बढाने की मांग लगे और well skilled लोगो की कमी के कारण संस्थाओं को काफी परेशानीओ का सामना करना पड़ता था.
इसीलिए ATM का अविष्कार होने के बाद Bank के बहुत से काम ATM के द्वारा सरल हो पाया क्यूंकि इसमें self service में बहुत काम किया जाता है. इसके लिए कोई bank के कर्मचारीओ पर निर्भर होना नहीं पड़ता. पर जिस वक्त ATM का idea इसके आविष्कारक के मन में आया तो उस समय उन्हें बहुत से मुश्किलों से गुजरना पड़ा था
क्योंकि उस वक्त में बैंक से पैसे के लेन देन को बहुत काफी संवेदनशील मामला रहता था और ऐसे भी पैसे को किसी मशीन के भरोसे छोड़ने को उन्होंने स्वीकार नहीं किया. ये एक बड़ा जोखिम मामला था लिहाजा कोई भी बैंक वाले इसके इस्तेमाल को लेकर तैयार नहीं था.
इसके बाद भी उन्होंने ने हिम्मत नही हारी और निरंतर इसके विकास में उन्होंने अपनी जिन्दगी के करीब 21 साल लगातार लगा दिए जिसके बाद उसने ‘जून 1960’ में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया. और तब जाकर फरवरी 1960 को उसे इसका पेटेंट मिलने का शौभाग्य प्राप्त हो सका था
ATM के बारे में अभी तक आप सभी लोगों को मालूम ही होगा. लेकिन अब बात आती है की जब हमारे पास ATM Card महजूद हो गया हो तब हम पैसे कैसे निकाले इस प्रक्रिया को सम्पूर्ण तरीके से समझने के लिए हमने निचे इसके बारे में पुरे ढंग से मेंसन करके बताया है. आप इसका वर्णन निचे पढ़ के जान सकते हैं.
#1. आपको सबसे पहले अपने नजदीकी ATM को ढूंड लेना होगा, यदि हो सके तो आपके पास जो ATM जितना हो सके जिसे बैंक में आपका खाता हो उसी bank का ATM machine हो तो और भी अच्छी बात होती है. लेकिन अबके समय में आप चाहें किसी भी bank का ATM हो उसमे पैसे निकाल सकते हैं.
#2. इसके बाद अब अपना ATM KARD मशीन में लगा दीजिये. यह पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करने के लिए आपको ATM machine में लगे हुए स्क्रीन में दिख जाएगा. ATM कार्ड को सीधे तरीके से मशीन में डालें जहा पर अधिकतर हरी लाइट हमेशा जलती हुयी दिखती रहती है. एक बात का ध्यान रखे की ATM मशीन में कार्ड को अच्छी तरीके से डालें नहीं तो मशीन उस कार्ड को समझ नहीं कर पायेगी. पहली बार में कार्ड को read ना हो पाने पर आपको उस कार्ड दुबारा insert करने के लिए screen में बताया जायेगा. आपको उसके कहे अनुशार ही चलना है क्युकी वह एक मशीन है
#3. जब ATM machine आपके card को सही से read कर लेता है तो तब जाकर, आपको भाषा चयन करने के ऑप्शन दे देता है. भारत के ATM में मुख्य रूप से दो ही भाषा में बनायीं गयी होती है अंग्रेजी और हिंदी में अधिकतर पायी जाती हैं. इन दोनों भाषाओँ में से आप अपने जानकारी के अनुशार चुनव कर सकते है.
#4. अब आपके कार्य को आगे बढ़ाने के लिए आपको पिन कोड का मांग करती है उस machine. यह वही पिन होता है जो पिन कोड़ बैंक द्वारा एटीएम के साथ आपको मिली थी यह पिन कोड किसी दूसरे को बताना नहीं चाहिए और ना किसी के साथ इसको share करना होता है.
#5 यह PIN enter हो जाने के बाद आपके सामने एक नया विंडो स्क्रीन पर खुल जाएगा. अब इसके बाद आपको अपने बैंक अकाउंट के type को चयनित करना होगा मानलो जैसे की (Saving Account) बचत बैंक खाता या "Current Account" चालू बैंक खाता. जो भी होगा आप उसका सही चुनाव करके कर सकते हैं.
#6. अकाउंट के प्रकार का चयनित करने के बाद आपको वह राशि (amount) डालनी पड़ेगी, जितना आपको निकलने की अवसक्ता होती हैं. एक बात का ध्यान रहे कि जैसे विभिन्न बैंक और विभिन्न अकाउंट में ATM से पैसे निकालने की सीमा अलग होती है. इसके लिए पहले ही इस चीज़ की जानकारी उस bank वाले कर्मचारीओ से कर लेना चाहिए.
#7. उसके बाद वह राशि डालिए जो आप निकलना चाहते है यह सब पूरा हो जाने के बाद ओके पर click कर देना है उसके बाद ATM मशीन में आपकी डाली गयी राशि निकल कर बहार आ जाएगी. और ठीक इसी तरिके से बड़े ही आसानी से आप अपने ATM से पैसे निकाल लिया करते हैं पर आपको एक बात का ध्यान देने की जरूरत रहती है कि आपने जो राशि डाली हुयी है उससे अधिक राशि आपके अकाउंट में महजूद होनी चाहिए, अन्यथा आपको इसके लिए कुछ शुल्क भी कर के रूप में देना पड़ सकता है.
#9. यदि आपको दुबारा ATM से पैसे निकालना होता है इसके लिए आपको स्क्रीन पर इसका ऑप्शन मिल जाएगा लेकिन किसी मामलो से आप transaction को रोकना चाहते है तो आप cancel का button press कर देते है तो इस मामले में आपका transaction वही पर रुक जाएगा.
Automatic Telling Machine के क्या Devices होते है
The Automatic telling machine में mainly two input devices and four output devices होते है जिसके बारे में मैंने निचे पूरी जानकारी दी गयी है.
Input Devices:
1. Keybord
2. Card reader
Output Devices:
1. Display Screen
2. Speaker
3. Cash Depositor
4. Receipt Printer
ATM के Input Devices: Kya hai
१. Card Reader
Card Reader एक Input device होता है जो की Card से data read किया करता है. Card Reader किसी निर्धारित account को identification की एक अहम पार्ट होती है, इसके साथ Magnetic strip होती है जो की ATM card के पिछले side में लगा हुआ रहता है उसका इस्तमाल Card Reader के साथ जोड़ने (connection) बनाने के लिए होता है.
जब ATM card को Card Reader में Swipe किया जाता है उस समय Magnetic strip में महजूद पुरे information को capture कर लिया करता है A.i वह data जो की card से उसे मिलता है उसे (host processor server) को pass कर देता है. फिर Host Processor उस data का इन्क्वारी करके "cardholders" के बारे में जानकारी करता और उसका (information) निकल लिया करता है.
२. Keypad
Card को recognized किया जाता है जिस समय machine आपको further details के बारे में पता करता है जैसे की आपकी Personal Identification Number (PIN), withdrawal और आपके Balance की Enquiry. हर एक Card के एक अलग unique PIN बनाये गए होते हैं यही वह कारण है जिससे बहुत ही कम chance होती है की कोई दूसरा किसी और के account से पैसे निकल ले.
Pin Code को protect करने के लिए अलग खास नियम हैं जब इसको host processor के सम्मुख भेज दिया जाता है. PIN को कभी भी encrypted form में भेजा जाता है. Key Board में सिर्फ 48 keys होते हैं और उन्हें processor के साथ interface भी किया जाता है.
ATM के Output Devices:
१. Speaker
Speaker audio feedback उतपन्न करती है आप जब भी कोई particular key को press किया जाता है.तो वह इस बताता है
२. Display Screen
Display Screen transaction से संबंधित सभी जानकारी को display करता रहता है. Withdraw के सभी steps को वह display screen के मध्यम से दिखाता रहता है. CRT Screen या फिर LCD Screen का इसमें इस्तमाल सभी ATMs में किया जाता है.
३. Receipt Printer
Receipt Printer जब आप पैसे की निकाशी करते है तब आपकी पूरी details जैसे की आपके Withdrawl, date and time, Amount जो भी withdraw किया गया रहता है और इसके साथ आपके account में कितना balance हैं receipt Printer के मध्यम से दर्शाता है.
४. Cash Dispenser:
किसी भी ATM यह का ह्रदय माना जाता है Cash Dispenser. यह कोई भी ATM Machine का central machine होता है जहा से अपनी जरुरत के पैसे निकाला जा सकता है. इसी portion से कोई भी जिससे user अपना रुपये collect भी कर सकते है.
Cash Dispenser का भूमिका यहि है की (each bill)को पहले काउंट कर लिया करता है उसके बाद उनके जरुरत के रूपये उन्हें निकाल कर दे दिया करता है. कभी कभार ऐसा भी होता है की अगर कोई note कभी fold हो जाये तो उसे दुसरे section में उसे वह भेज देता है और output में आपको rejected bill मिल जाएगा. यह सब कुछ high precision sensors के सहयता से सम्भव होता है. ATM के सारे transactions का record अपने पास सुरच्छित रखता है RTC device की सहयता से होता है
ATM Networking:
"Internet Service Provider" अहम भूमिका होती हैं जोकि किसी भी ATM में वह communication को ATM और (Host Processors) के बिच provided कराती है. जब जब भी कोई transaction की जाती है तब पूरी डिटेल्स card holder के मध्यम से input कर देती है.
ये information को ATM machine की सहयता से Host processor तक पहुंचा दिया जाता है. Host Processor उन सभी details को check कर लेता है Authorized bank के server के साथ. ही वह भेजे गए सम्पूर्ण डिटेल्स को match करता है उसके बाद host processor के लिए approval code को भेज देता है एटीएम Machine पर जिससे की आपको अपना Cash मिल सके
ATM Machines के प्रकार
मुख्य रूप से (Host Processor) केवल दो ही होते है जोकि ATM Machines को support किया करते हैं जिसके बारे में निचे मेंशन करके बताया गया है.
१. Leased line ATM machines
२. Dial-up ATM machines
Leased Line ATM Machines:
ये leased line machines को directly host processor के साथ में connect कर दिया जाता है four wire point to point dedicated telephone line की सहयता से. इस प्रकार के एटीएम machines को बहुत अधिक पसंद किया जाता है. ऐसे machines की operating cost भी बहुत अधिक रहता है.
Dial-Up ATM Machines:
ये dial-up ATM machines को processor के साथ में connect कर दिया जाता है normal phone line की सहयता से modem के द्वारा. इस प्रकार के एटीएम machines को normal connection की अवसक्ता होती
है और इसके साथ ही इनकी initial installation cost भी leased line atm machine की तुलना में काफी कम रहता है.
ATM Security:
ATM Card को सुरक्षित रखने के लिए PIN नम्बर का इस्तमाल किया जाता है जिसे जिसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए इसलिए secret में रखा जाता है. ऐसा कोई गुप्त जानकारी नहीं है जिससे किसी के ATM Card से ATM Pin निकाला जा सके. इसे (strong encryption software) जैसे की (Triple data Encryption) की सहयता से Encrypt कर दिया जाता है.
Automatic Teller Machine Working Principle:
Automatic teller machine के simple सा data terminal होता है जिसके दो input एवं चार output devices में बनी होती हैं. यह सब devices को Processor के साथ interface कर दिया जाता है. Processor ही इस ATM machine का दिल माना जाता है.
संसार के पुरे ATM machines centralized database system are based on. ATM को Host Processor Server के साथ connect करके communicate करना होता है. Host Processor भी Internet Service Provider के साथ साथ communicate भी किया करता है.यह एक gateway की तरह ही काम करता है जो की लगभग सभी ATM Networks में उपलब्ध रहता है सभी card holders पाया जाता है
जब कोई card holder अगर कोई ATM transaction करना चाहते है, तब यूजर को उनकी अवसक्ता की पूरी information provide करनी होती हैं Card reader और keypad के सहयता से यह provide करना रहता है. ATM इसकी पूरी जानकारी को Host Processor को forward कर दिया करता है.
Card Holder फिर एक transaction request cardholder के उस बैंक को भेज देता है. अगर card holder cash के लिए रिक्वेस्ट भेजते है तब host processor card holder के account से पैसे निकाल दिया करती है.
एक बार funds customer account से host processor बैंक अकाउंट में ट्रांसफर जब हो जाता है तब (processor ATM) को approval code भेज दिया करता है उसके बाद वह ATM machine को संकेत भेज देती है की अवसक्ता मुताबिक cash कस्टमर को दे दिया करती है. इसी process के मद्द्त से ही आप ATM से रूपये निकल लेते हैं.
पूरा ATM network centralized database environment is based on. जोकि ये लोगों के जीवन को सरल बना दिया है.
Automatic Teller Machine के Advantages:
अब हम जानेगे की Automatic Teller Machine के Advantages क्या होता हैं :-
ATM 24 hours service देती है
ATM banking communications में privacy provides
ATMs banks करमचारियों के workload को काफी हद तक कम कर देती है
ATM customer को खूब नए नए rupya currency notes देती रहती है जिससे हम लोग बहुत खुस रहते है
ATMs banks के customers के लिए बहुत बढ़िया बिकल्प माना जाता है
ATM travelers के लिये बहुत उपयोगी है
ATM से बिना किसी error के service २४ घंटा सेवा करा करती है
Automatic Teller Machine के कुछ विसेस्तायें :
अब चलते है रूबरू कराने Automatic Teller Machine के कुछ विशेषताएं के बारे में जानने की कोसिस करते हैं :-
इसमें आप funds transfer कर सकते हैं linked bank accounts के बिच में
यहाँ पर आप account balance रिसीविंग कर सकते हैं
अपने recent transactions लिस्ट को print करके अपने पास रख सकते हैं
सरल तरिके से आप अपना ATM Pin चेंज कर सकते हैं
यहाँ पर आप आसानी से cash deposit कर सकते हैं
Prepaid mobile recharge भी करे हैं
Bill payments करने आसान तरीका
Cash withdrawal करने मुफ्त जानकारी
ATMs Auto Teller Machines से रूपये कैसे निकले जाते हैं?
चलिए अब हम ये जानेंगे की आख़िर में ATM मशीन से हमारे पैसे कैसे निकलता हैं :-
1. सबसे पहले कार्ड को Validate कर दिया जाता है : यह उसको check करती हैं की आपके द्वारा इस्तमाल किया हुआ credit card/debit मशीन स्वीकार करता है या फिर नहीं.
2. Account number Read किया जाता है : आपका जोभी account number है जो की आपके card में महजूद होता है वो black magnetic script में encode होकर पड़ा होता है और वो card के बेक में भी महजूद पड़ा होता है.
3. उस यूज़र को Validate कर लेता है : सही User को validate करने के लिए उनको नम्बर का 4 digit pin code के बारे में जानकारी लेता है. जिसके validity ठीक उत्तर मिलने पर ही की जाती है.
4. तब जाके नेट्वर्क से Connect किया जाता है : सभी information जोभी card holder के द्वारा दिया गया होता है (account number, pin code) उसे bank network में satellite network की सहयता से उसको validate किया जाता है. ATMs के पास हमेशा dish ऐन्टेना लगी होती है जिसका मद्द्त से वो bank’s network से satellite की सहयता से communicate करने के लिए किया करता है.
5. कैश Dispense करता है : लास्ट step में सब कुछ validate होने के बाद ही cash को dispense कर देता है ATM की सहयता से. user को cash मिलने में देरी नहीं होती है.
इसके बाद में transaction की receipt print हो जाती है और साथो साथ ही transaction का काम ख़त्म हो जाता है.
तो चलते अब कुछ ऐसे भी सावधानियों के विषय में चर्चा करते हैं जिन्हें अगर कोई customer follow कर लेता है तब वह खुद को और अपने रूपये को spammers और online hackers से बच सकता है. डेबिट कार्ड AUR एटीएम की सुरक्षा से जुड़ी खास चेतावनी निम्न है-
1. अपने कार्ड को किसी सुरक्षित जगह रखे – आपको अपने card को भी रूपये पैसे के जैसे ही सम्भाल के रखना चाहिए. क्यूंकि अगर किसी कारणबस ये कहि खो जाता है तब आपको इसको प्राप्त करने के लिए बहुत सी परेशानिओ का सामना करना पड़ जा सकता है.
2. खास बात अपने पिन को गुप्त रखे – यह बात आपको अवश्य ध्यान रखनी चाहिए की कभी भी किसी को अपना ATM PIN नम्बर नहीं बताना चाहिए. और उसे कहीं पर भी लिखकर न रखें.इसको हमेशा इसे याद रखने की जरूरत होती है. वही अपने ATM PIN को कभी कभार बदल देना चाहिए यह इसलिए की अगर कभी आपकी PIN कहीं गलती से किसी ब्यक्ति ने जान भी ली तो भी वह आपके ATM के साथ कुछ नहीं कर पायेगा
3. अपने खुद के ATM कार्ड से जुडी कोई भी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के साथ फोन पर ना बताये –आजकल फोन के जरिये कई लोग आपको बुरबक बनाकर आपका पिन कोड जानने कि कोशिश भी करते है और उसके बाद उसका उपयोग करके आपके अकाउंट से पैसे खाली लेते है. आपको एक बात ध्यान में हमेशा रखनी चाहिए कि आपका पिन कोड नंबर बहुत ही महत्वपूर्ण नंबर होता है जोकि इसे जानने के अधिकार दुसरो को बिलकुल भी नहीं होती है, आपके बैंक वाले भी इसको आपसे कभी जानने की कोशिश नहीं करेगे. तो अपना पिन कोड नंबर किसी को भी ना बताये इस बात का हमेशा ध्यान रहे
4. अपने ATM कार्ड के संबंध में कोई भी जानकारी किसी से Disclose बिलकुल ना करे – वो चाहे आपके कोई भी हो आपको किसी भी ब्यक्ति के साथ अपने card या बैंक से जुडी जानकारी उनके सामने disclose नहीं करना चाहीये. आपको अपने ATM कार्ड के संबंध मे किसी भी अनजाने मेल पर रिप्लाइ कभी नहीं करना चाहिए एक बात हमेशा. याद रखें की आपके बैंक के अधिकारी आपसे कभी भी ऐसी Information की डिमांड कभी भी नहीं करते है.
5. आपको इंटरनेट से शॉपिंग करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखे कि आपकी शॉपिंग की साइट सिक्योर हो – आजकल के ज़माने में online और ऐसे में हम सभी कई बार online shopping भी किया करते हैं. जो की इस समय करना उचित भी है लकिन आपको हमेशा ही सुरछित शॉपिंग सिम्बल का ध्यान रखने की जरूरत होती है. आप जब शॉपिंग करते है तो पेमेंट हो जाने के बाद में उस साइट से लॉगआउट करना कभी ना भूले. कोशिश यह भी करें की अपने ही system, smartphone, computer का इस्तेमाल किया करें क्यूंकि दूसरों के computer में खतरनाक virus होने का काफी chance होते है.
6. आपको आपने कार्ड को चोरी हो जाने तथा खो जाने पर अत्यंत तुरंत रिपोर्ट कर दे – आपके ATM कार्ड की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से आपकी होती है किन्तु यदि आपका कार्ड कहि गुम हो जाता है तो आप तुरंत इसकी रिपोर्ट बैंक अधिकारी को कर दे और उसे ब्लॉक करवा देना चाहिए ताकि इसका कोई ब्यक्ति गलत फायदा ना उठा सके. इस बात का हमेशा ख़याल रखें.
7. अपने बैंक अकाउंट का विवरण तुरंत चेक करे – आपको अपने अकाउंट का विवरण अपने मोबाइल पर उपलब्ध करने की सेवा अपने बैंक से लेने की अवसक्ता होती है ताकि आप उसे ATM का उपयोग करते वक्त या अन्य किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के वक्त तुरंत उसको चेक कर सके. अगर आप अपने स्टेटमेंट में कोई भी गलत transaction देखते है तो आपको उसकी तुरंत complaint करनी चाहिए.
8. bank account को mobile registered से जरुर link कराने की अवसक्ता होती है.
ATM का आविष्कार किसने किया था? और कहा के रहने वाले थे
ATM के मिर्माता “John Shepherd-Barron” ने किया था। जिनका जन्म भारत के मेघालय में में हुआ था
भारत में ATM की शुरुआत कब से हुई?
भारत में सबसे पहले एटीएम संन 1987 को शुरू हुआ था बात यह भी है. की जब मुंबई शहर में एचएसबीसी बैंक ने इसे पहली बार शुरू किया. तब लोग पैसे निकलने से डरते थे की यह तो एक मशीन है कही हमारा रुपया उड़ गया तो कौन जिम्मेदार होगा
इस देश के सबसे बड़े बैंक (State Bank Of India) के नियमों के अनुसार आपको एक दिन में तकरीबन 100 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक एक दिन में एटीएम से निकाल सकते हैं।
आज आपने कितना क्या सीखा हमें पूर्ण रूप से विश्वास है की मैंने आप लोगों को ATM क्या है उसके बारे में बताया है (What is ATM in Hindi) और यह कैसे काम करता है? के बारे में पूरी तरीके से बताया हु और मै आशा करता हूँ आप को (ATM से पैसे कैसे निकाले) के बारे में सही से समझ में आ गया होगा.
हमारा यही हमेशा से प्रयाश रहा है की मैं अपने पाठकों या readers का हर तरह से हेल्प करने का मौक़ा मिले, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी सनका है तो आप मुझे बेझिजक दिल खोलके पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन बातो का हल निकलने की प्रयाश करूँगा.
आपको यह Article ATM full form in Hindi से पैसे कैसे निकालें कैसा लगा हमें comment में लिखकर अवश्य बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का सौभग्य प्राप्त हो सके.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें